piles treatment without surgery Things To Know Before You Buy

नारियल तेल: प्रभावित क्षेत्र पर नारियल तेल लगाने से जलन और खुजली कम होती है।

उच्च जटिलता दर के बावजूद सफलता दर रबर बैंड लिगेशन के साथ उच्चतम है।

सेब का सिरका अपने कषाय गुणों के कारण रक्तवाहिनियों को सिकोड़ने में मदद करता है। खूनी बवासीर में एक गिलास पानी में सेब के सिरके का एक चम्मच डालकर दिन में दो बार पिएं। बादी बवासीर में सेब के सिरके में रुई भिगाकर गुदा में रखें। इससे जलन और खुजली से राहत मिलेगी।

यह अवस्था शुरुआती है, समय पर घरेलू उपायों और सही आहार से शामल की जा सकती है।

इस घरेलू उपचार के लिए आपको चाहिए की कड़वी तोरई का रस निकालकर उसमे थोड़ी हल्दी और नीम का तेल मिलाकर लेप बना लीजिये और प्रतिदिन पाइल्स के मस्सों पर लगाइये ऐसा करने से पाइल्स के मस्से जड़से खतम हो जाते हैं।

पुष्कर में न्यू ईयर का शांत और सौम्य अनुभव मिलता है.

बवासीर here के लक्षण इसकी गंभीरता और प्रकार के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं। सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:

अरावली पर्वतमाला से घिरा पुष्कर सर्दियों में बेहद खूबसूरत होता है.

बवासीर के दौरान कौन-कौन से खाद्य पदार्थ खाने से बचना चाहिए?

रोगी डॉक्टर से सलाह लेने जा सकते है अगर वह अनुभव करता है:

और पढ़ें – मस्सा के इलाज में काकोदुम्बर फायदेमंद

इसमें से खून और मवाद लगातार निकलता रहता है। शुरुआती अवस्था में इसमें मवाद और खून की मात्रा कम होती है। इसलिए इससे रोगी के वस्त्रों में केवल दाग मात्र लगता है। धीरे-धीरे रिसाव बढ़ता जाता है, और रोगी को खुजली, बेचैनी और दर्द होने लगता है। 

आराम पाने के लिए आराम, पौष्टिक आहार और सफाई का ध्यान रखें।

बवासीर एक आम समस्या है, लेकिन इसे समय पर पहचानकर उचित उपचार और जीवनशैली में बदलाव से आसानी से ठीक किया जा सकता है। आयुर्वेद और घरेलू उपचार इसके उपचार में अत्यंत प्रभावी हैं। यदि समस्या गंभीर हो, तो आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से संपर्क करना जरूरी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *